Sunday 8 September 2013

What is CAW/ Women Cell........& its Role............??????

What is CAW/ Women Cell........& its Role............??????


डेंगू का उपचार:

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें..... 
डेंगू का उपचार: आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, पुरे भारत में ये बड़ी तेजी से बढ़ता ही जा रहा है जिससे कई लोगों की जान जा रही है l
यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका माडर्न मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और सस्ता है कि उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l


यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l

मै आपसे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि कृपया इसे जितना संभव हो शेयर करें.

Nimbu...............Nimbu...........Nimbu................!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Lemons are a powerful healing fruit that contain phenomenal antibiotic, antiseptic, and anti-cancer properties. Lemons are rich in vitamins C and B-complex and minerals such as iron, calcium, magnesium, silicon, copper, and potassium. They are considered to be a wonderful tonic and can help to cleanse and detoxify the entire body. Although lemons have an acidic taste they actually have a very strong alkaline reaction on the body and can help to alkalize blood, cells, lymph, organs, and tissues. Lemons are known to help destroy putrefactive bacteria in the mouth and intestines which can help alleviate flatulence, indigestion, and constipation. Lemons contain a compound called limonene which is used to dissolve gallstones and kidney stones and can help to fight oral, lung, skin, breast, stomach, and colon cancer. Lemons are also rich in bio-flavonoids which can significantly boost the immune system and reduce inflammation in the body. Lemon juice is known to be particularly beneficial for colds, coughs, sore throats, hiccups, ear infections, fevers, arthritis, heart disease, COPD, atherosclerosis, diabetes, high cholesterol, autoimmune disorders, stroke, and cancer. Topically, lemon juice is a great remedy for wrinkles, warts, toothaches, corns, sunburns, poison ivy, acne, psoriasis, and as a hair rinse and facial astringent. A tall glass of lemon water upon waking is an excellent way to hydrate and cleanse the body first thing in the morning. Fresh lemon in tea and green juice and added to salads, wraps, hummus, guacamole, and nori rolls is another great way to add this healing and nutritious fruit into your diet. Fresh lemons can be found at your local grocery and health food store.

Saturday 7 September 2013

Inspiring....................Material................!!!!!!!!!!!!!!!!!!













Laughter as Medicine


Politicians making Laws to Protect their Crimes



..जन हित में जारी!

- सुनो-सुनो-सुनो और ध्यान से सुनो......अगर किसी को अपना घर बिगाड़ना हो या फिर किसी पडौसी और रिश्तेदार से अपनी (अन्धरुनी छिपी हुई) दुश्मनी निकालनी हो तो, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित, आतंकवादी "धारा 498-A IPC व घरेलू हिंसा अधिनियम" के तहत जगह-जगह माहिला सैल (घर बिगाडू सैल) पूरे देश में स्थापित किये गए हैं, उसमें शिकायत जरुर दर्ज करायें, और अपने पडौसियों व रिश्तेदारों को भी "घर बिगाडू सैल" में जाने की सलाह जरुर दें, वैसे 99% यही उम्मीद हैकि घर अवश्य ही बिगड़ जाएगा, लेकिन फिर भी ना बिगड़े तो समझ लेना, ऊपर वाला इसमें जरुर टांग अडा रहा है, वर्ना भारत सरकार ने तो इस नेक काम (घरबार बिगाड़ने) में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है......जन हित में जारी!
स्वाभिमान से जीने की इच्छा रखने वाले सभी देश वासियों से अनुरोध है कि 498-A का झूठा मुकदमा बनवाकर पूरे परिवार को बर्बाद करने वाली कुलटा औरत को कभी भी ना अपनाना....उसे तिल-तिल करके मरने के लिए माँ-बाप के भरोसे छोड़ देना चाहिए. फिरौती (black mail) देकर समझोता ना करें, फिरौती देकर समझोता करने से ही, देखा-देखी दूसरों के भी होंसले बुलंद हो रहें हैं और झूठे मुकद्दमे दर्ज हो रहें हैं.


Friday 6 September 2013

Summons Issued to Sonia Gandhi

On a complaint by a Sikh group, a US federal court has issued summons against Congress party president Sonia Gandhi for shielding party officials allegedly involved in inciting attacks on Sikhs in November 1984, an attorney said. 

Will the murderers of our Sikh brothers be now exposed and held guilty ?
Will the media expose how congress used its goons to kill Sikhs and branded it a Hindu-sikh riots when it was actually a congress vs Indians riot ?
Will the nation want to know what role her party-men played in massacre of Sikhs ?
Will they now brand her as protector of terrorist and murderers ?

Why the silence among the media, the congis, the so called reformers and liberals.
No discussions, no media judges ?

ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर एग्रीमेंट (सत्ता के हस्तांतरण की संधि )

ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर एग्रीमेंट (सत्ता के हस्तांतरण की संधि ) --
- ये इतनी खतरनाक संधि है की अगर आप अंग्रेजों द्वारा सन 1615 से लेकर 1857 तक किये गए सभी 565 संधियों को जोड़ देंगे तो उस से भी ज्यादा खतरनाक संधि है ये | 14 अगस्त 1947 की रात को जो कुछ हुआ है वो एक टूटी फूटी आजादी थी| ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर का एग्रीमेंट हुआ था पंडित नेहरु और लोर्ड माउन्ट बेटन के बीच में | स्वतंत्रता और सत्ता का हस्तांतरण ये दो अलग चीजे है |
- सत्ता का हस्तांतरण कैसे होता है ? आप देखते होंगे क़ि एक पार्टी की सरकार है, वो चुनाव में हार जाये, दूसरी पार्टी की सरकार आती है तो दूसरी पार्टी का प्रधानमन्त्री जब शपथ ग्रहण करता है, तो वो शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है, आप लोगों में से बहुतों ने देखा होगा, तो जिस रजिस्टर पर आने वाला प्रधानमन्त्री हस्ताक्षर करता है, उसी रजिस्टर को ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर की बुक कहते है और उस पर हस्ताक्षर के बाद पुराना प्रधानमन्त्री नए प्रधानमन्त्री को सत्ता सौंप देता है | और पुराना प्रधानमंत्री निकल कर बाहर चला जाता है |
- हमारे लिए स्वराज्य का मतलब क्या था ? अंग्रेज कहते थे क़ि हमने
स्वराज्य दिया, माने अंग्रेजों ने अपना राज तुमको सौंपा है ताकि तुम लोग कुछ दिन इसे चला लो जब जरुरत पड़ेगी तो हम दुबारा आ जायेंगे |
- इस संधि के अनुसार ही भारत के दो टुकड़े किये गए और भारत और
पाकिस्तान नामक दो Dominion States बनाये गए हैं | ये Dominion State का अर्थ हिंदी में होता है एक बड़े राज्य के अधीन एक छोटा राज्य, ये शाब्दिक अर्थ है और भारत के सन्दर्भ में इसका असल अर्थ भी यही है | अंग्रेजी में इसका एक अर्थ है "One of the self-governing nations in the British Commonwealth" और दूसरा "Dominance or power through legal authority "|
- Dominion State और Independent Nation में जमीन आसमान का अंतर होता है |
- आज़ादी का कानून अंग्रेजों के संसद में बनाया गया और इसका नाम रखा गया Indian Independence Act यानि भारत के स्वतंत्रता का कानून | इसीलिए गाँधी जी (महात्मा गाँधी) 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में नहीं आये थे | वो नोआखाली में थे | गाँधी जी कहते थे कि मै मानता नहीं कि कोई आजादी आ रही है और ये आजादी नहीं आ रही है सत्ता के हस्तांतरण का समझौता हो रहा है |
- गाँधी जी ने नोआखाली से प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमे पहले ही वाक्य में गाँधी जी ने ये कहा कि मै हिन्दुस्तान के उन करोडो लोगों को ये सन्देश देना चाहता हु कि ये जो तथाकथित आजादी (So Called Freedom) आ रही है ये मै नहीं लाया | ये सत्ता के लालची लोग सत्ता के हस्तांतरण के चक्कर में फंस कर लाये है | मै मानता नहीं कि इस देश में कोई आजादी आई है | भारत की राजनीति का सबसे बड़ा पुरोधा जिसने हिन्दुस्तान की आज़ादी की लड़ाई की नीव रखी हो वो आदमी 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में मौजूद नहीं था | क्यों ?
- Commonwealth Nations का मतलब होता है समान सम्पति यानी ब्रिटेन की रानी की समान सम्पति | ब्रिटेन की महारानी आज भी भारत की नागरिक है और Commonwealth में 71 देशों में जाने के लिए ब्रिटेन की महारानी को वीजा की जरूरत नहीं होती है लेकिन भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ब्रिटेन में जाने के लिए वीजा की जरूरत होती है | इसका क्या मतलब निकाले ???
- देश में प्रोटोकोल है क़ि जब भी नए राष्ट्रपति बनेंगे तो 21 तोपों की सलामी दी जाएगी उसके अलावा किसी को भी नहीं | लेकिन ब्रिटेन की महारानी आती है तो उनको भी 21 तोपों की सलामी दी जाती है, पिछली बार ब्रिटेन की महारानी यहाँ आयी थी तो एक निमंत्रण पत्र छपा था और उस निमंत्रण पत्र में ऊपर जो नाम था वो ब्रिटेन की महारानी का था और उसके नीचे भारत के राष्ट्रपति का नाम था मतलब हमारे देश का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक नहीं है | ये है राजनितिक गुलामी, |
- भारत का नाम INDIA रहेगा और सारी दुनिया में भारत का नाम इंडिया प्रचारित किया जायेगा और सारे सरकारी दस्तावेजों में इसे इंडिया के ही नाम से संबोधित किया जायेगा | हमारे और आपके लिए ये भारत है लेकिन दस्तावेजों में ये इंडिया है | संविधान के प्रस्तावना में ये लिखा गया है India that is Bharat " जब क़ि होना ये चाहिए था "Bharat that was India " लेकिन दुर्भाग्य इस देश का क़ि ये भारत के जगह इंडिया हो गया | ये इसी संधि के शर्तों में से एक है |
- भारत के संसद में वन्दे मातरम नहीं गाया जायेगा अगले 50 वर्षों तक यानि 1997 तक | 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को संसद में उठाया तब जाकर पहली बार इस तथाकथित आजाद देश की संसद में वन्देमातरम गाया गया | 50 वर्षों तक नहीं गाया गया क्योंकि ये भी इसी संधि की शर्तों में से एक है | और वन्देमातरम को ले के मुसलमानों में जो भ्रम फैलाया गया वो अंग्रेजों के दिशानिर्देश पर ही हुआ था | इस गीत में कुछ भी ऐसा आपत्तिजनक नहीं है जो मुसलमानों के दिल को ठेस पहुचाये |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार सुभाष चन्द्र बोस को जिन्दा या मुर्दा अंग्रेजों के हवाले करना था | यही वजह रही क़ि सुभाष चन्द्र बोस अपने देश के लिए लापता रहे और कहाँ मर खप गए ये आज तक किसी को मालूम नहीं है | समय समय पर कई अफवाहें फैली लेकिन सुभाष चन्द्र बोस का पता नहीं लगा और न ही किसी ने उनको ढूँढने में रूचि दिखाई | मतलब भारत का एक महान स्वतंत्रता सेनानी अपने ही देश के लिए बेगाना हो गया | सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई थी ये तो आप सब लोगों को मालूम होगा ही लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है क़ि ये 1942 में बनाया गया था और उसी समय द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और सुभाष चन्द्र बोस ने इस काम में जर्मन और जापानी लोगों से मदद ली थी जो कि अंग्रेजो के दुश्मन थे और इस आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया था | और जर्मनी के हिटलर और इंग्लैंड के एटली और चर्चिल के व्यक्तिगत विवादों की वजह से ये द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था और दोनों देश एक दुसरे के कट्टर दुश्मन थे | एक दुश्मन देश की मदद से सुभाष चन्द्र बोस ने अंग्रेजों के नाकों चने चबवा दिए थे | एक तो अंग्रेज उधर विश्वयुद्ध में लगे थे दूसरी तरफ उन्हें भारत में भी सुभाष चन्द्र बोस की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था | इसलिए वे सुभाष चन्द्र बोस के दुश्मन थे |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकुल्लाह, रामप्रसाद विस्मिल को आतंकवादी कहा गया और यही हमारे syllabus में पढाया जाता था बहुत दिनों तक | और अभी एक महीने पहले तक ICSE बोर्ड के किताबों में भगत सिंह को आतंकवादी ही बताया जा रहा था, वो तो भला हो कुछ लोगों का जिन्होंने अदालत में एक केस किया और अदालत ने इसे हटाने का आदेश दिया है |
- आप भारत के सभी बड़े रेलवे स्टेशन पर एक किताब की दुकान देखते होंगे "व्हीलर बुक स्टोर" वो इसी संधि की शर्तों के अनुसार है | ये व्हीलर कौन था ? ये व्हीलर सबसे बड़ा अत्याचारी था | इसने इस देश क़ि हजारों माँ, बहन और बेटियों के साथ बलात्कार किया था | इसने किसानों पर सबसे ज्यादा गोलियां चलवाई थी | 1857 की क्रांति के बाद कानपुर के नजदीक बिठुर में व्हीलर और नील नामक दो अंग्रजों ने यहाँ के सभी 24 हजार लोगों को जान से मरवा दिया था चाहे वो गोदी का बच्चा हो या मरणासन्न हालत में पड़ा कोई बुड्ढा | इस व्हीलर के नाम से इंग्लैंड में एक एजेंसी शुरू हुई थी और वही भारत में आ गयी | भारत आजाद हुआ तो ये ख़त्म होना चाहिए था, नहीं तो कम से कम नाम भी बदल देते | लेकिन वो नहीं बदला गया क्योंकि ये इस संधि में है |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार अंग्रेज देश छोड़ के चले जायेगे लेकिन इस देश में कोई भी कानून चाहे वो किसी क्षेत्र में हो नहीं बदला जायेगा | इसलिए आज भी इस देश में 34735 कानून वैसे के वैसे चल रहे हैं जैसे अंग्रेजों के समय चलता था | जैसे Indian Police Act, Indian Civil Services Act (अब इसका नाम है Indian Civil Administrative Act), Indian Penal Code (Ireland में भी IPC चलता है और Ireland में जहाँ "I" का मतलब Irish है वही भारत के IPC में "I" का मतलब Indian है बाकि सब के सब कंटेंट एक ही है, कौमा और फुल स्टॉप का भी अंतर नहीं है) Indian Citizenship Act, Indian Advocates Act, Indian Education Act, Land Acquisition Act, Criminal Procedure Act, Indian Evidence Act, Indian Income Tax Act, Indian Forest
Act, Indian Agricultural Price Commission Act सब के सब आज भी वैसे ही चल रहे हैं बिना फुल स्टॉप और कौमा बदले हुए |
- इस संधि के अनुसार अंग्रेजों द्वारा बनाये गए भवन जैसे के तैसे रखे जायेंगे | शहर का नाम, सड़क का नाम सब के सब वैसे ही रखे जायेंगे | आज देश का संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, राष्ट्रपति भवन सब के सब वैसे ही खड़े हैं और हमें मुंह चिढ़ा रहे हैं | लार्ड डलहौजी के नाम पर डलहौजी शहर है , वास्को डी गामा नामक शहर है (हाला क़ि वो पुर्तगाली था ) रिपन रोड, कर्जन रोड, मेयो रोड, बेंटिक रोड, (पटना में) फ्रेजर रोड, बेली रोड, ऐसे हजारों भवन और रोड हैं, सब के सब वैसे के वैसे ही हैं | हर शहर में कोई न कोई भवन, सड़क उन लोगों के नाम से होंगे | - गुजरात में एक शहर है सूरत, इस सूरत शहर में एक बिल्डिंग है उसका नाम है कूपर विला | अंग्रेजों को जब जहाँगीर ने व्यापार का लाइसेंस दिया था तो सबसे पहले वो सूरत में आये थे और सूरत में उन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण किया था | ये गुलामी का पहला अध्याय आज तक सूरत शहर में खड़ा है |
- हमारे यहाँ शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों की है क्योंकि ये इस संधि में लिखा है और मजे क़ि बात ये है क़ि अंग्रेजों ने हमारे यहाँ एक शिक्षा व्यवस्था दी और अपने यहाँ अलग किस्म क़ि शिक्षा व्यवस्था रखी है| हमारे यहाँ शिक्षा में डिग्री का महत्व है और उनके यहाँ ठीक उल्टा है | अगर किसी के पास ज्ञान है और कोई अविष्कार करता है तो भारत में पूछा जायेगा क़ि तुम्हारे पास कौन सी डिग्री है ? अगर नहीं है तो उस अविष्कार और ज्ञान का कोई मतलब नहीं है | जबकि उनके यहाँ ऐसा बिलकुल नहीं है आप अगर कोई अविष्कार करते हैं और आपके पास ज्ञान है लेकिन कोई डिग्री नहीं हैं तो कोई बात नहीं आपको प्रोत्साहित किया जायेगा | नोबेल पुरस्कार पाने के लिए आपको डिग्री की जरूरत नहीं होती है | हमारे शिक्षा तंत्र को अंग्रेजों ने डिग्री में बांध दिया था जो आज भी वैसे के वैसा ही चल रहा है | ये जो 30 नंबर का पास मार्क्स आप देखते हैं वो उसी शिक्षा व्यवस्था क़ि देन है, मतलब ये है क़ि आप भले ही 70 नंबर में फेल है लेकिन 30 नंबर लाये है तो पास हैं, ऐसा शिक्षा तंत्र से सिर्फ गदहे ही पैदा हो सकते हैं और यही अंग्रेज चाहते थे |
- आप देखते होंगे क़ि हमारे देश में एक विषय चलता है जिसका नाम है Anthropology | इसमें गुलाम लोगों क़ि मानसिक अवस्था के बारे में पढाया जाता है | और ये अंग्रेजों ने ही इस देश में शुरू किया था और आज आज़ादी के 64 साल बाद भी ये इस देश के विश्वविद्यालयों में पढाया जाता है और यहाँ तक क़ि सिविल सर्विस की परीक्षा में भी ये चलता है |
- इस संधि की शर्तों के हिसाब से हमारे देश में आयुर्वेद को कोई सहयोग नहीं दिया जायेगा मतलब हमारे देश की विद्या हमारे ही देश में ख़त्म हो जाये ये साजिस की गयी | आयुर्वेद को अंग्रेजों ने नष्ट करने का भरसक प्रयास किया था लेकिन ऐसा कर नहीं पाए | दुनिया में जितने भी पैथी हैं उनमे ये होता है क़ि पहले आप बीमार हों तो आपका इलाज होगा लेकिन आयुर्वेद एक ऐसी विद्या है जिसमे कहा जाता है क़ि आप बीमार ही मत पड़िए |
- 1780 में एक अंग्रेज भारत आया था और यहाँ से प्लास्टिक सर्जरी सीख के गया था | मतलब कहने का ये है क़ि हमारे देश का चिकित्सा विज्ञान कितना विकसित था उस समय | और ये सब आयुर्वेद की वजह से था और उसी आयुर्वेद को आज हमारे सरकार ने हाशिये पर पंहुचा दिया है |
- इस संधि के हिसाब से हमारे देश में गुरुकुल संस्कृति को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा | हमारे देश के समृद्धि और यहाँ मौजूद उच्च तकनीक की वजह ये गुरुकुल ही थे | और अंग्रेजों ने लार्ड मेकॉले की सिफारिश से सबसे पहले इस देश की गुरुकुल परंपरा को ही तोडा था,
जो Higher Learning Institute हुआ करते थे |

- इसमें कहा गया है क़ि अगर हमारे देश के (भारत के) अदालत में कोई ऐसा मुक़दमा आ जाये जिसके फैसले के लिए कोई कानून न हो इस देश में या उसके फैसलेको लेकर संबिधान में भी कोई जानकारी न हो तो साफ़ साफ़ संधि में लिखा गया है क़ि वो सारे मुकदमों का फैसला अंग्रेजों के न्याय पद्धति के आदर्शों के आधार पर ही होगा, भारतीय न्याय पद्धति का आदर्श उसमे लागू नहीं होगा | कितनी शर्मनाक स्थिति है ये क़ि हमें अभी भी अंग्रेजों का ही अनुसरण करना होगा |
- इस संधि में ये भी है क़ि ईस्ट इंडिया कम्पनी तो जाएगी भारत से लेकिन बाकि 126 विदेशी कंपनियां भारत में रहेंगी और भारत सरकार उनको पूरा संरक्षण देगी | और उसी का नतीजा है क़ि ब्रुक बोंड, लिप्टन, बाटा, हिंदुस्तान लीवर (अब हिंदुस्तान यूनिलीवर) जैसी 126 कंपनियां आज़ादी के बाद इस देश में बची रह गयी और लुटती रही और आज भी वो सिलसिला जारी है |
- अंग्रेजी का स्थान अंग्रेजों के जाने के बाद वैसे ही रहेगा भारत में जैसा क़ि अभी (1946 में) है और ये भी इसी संधि का हिस्सा है | हमारे देश में, संसद में, न्यायपालिका में, कार्यालयों में हर कहीं अंग्रेजी, अंग्रेजी और अंग्रेजी है जब क़ि इस देश में 99% लोगों को अंग्रेजी नहीं आती है |
- हमारे देश में आजादी के 50 साल बाद तक संसद में वार्षिक
बजट शाम को 5:00 बजे पेश किया जाता था क्योंकि जब हमारे देश में शाम के 5:00 बजते हैं तो लन्दन में सुबह के 11:30 बजते हैं और अंग्रेज अपनी सुविधा से उनको सुन सके और उस बजट की समीक्षा कर सके | इतनी गुलामी में रहा है ये देश | ये भी इसी संधि का हिस्सा है |
- 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ तो अंग्रेजों ने भारत में राशन कार्ड का सिस्टम शुरू किया क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों को अनाज क़ि जरूरत थी और वे ये अनाज भारत से चाहते थे | इसीलिए उन्होंने यहाँ जनवितरण प्रणाली और राशन कार्ड क़ि शुरुआत क़ि | वो प्रणाली आज भी लागू है इस देश में क्योंकि वो इस संधि में है | और इस राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल उसी समय शुरू किया गया और वो आज भी जारी है | जिनके पास राशन कार्ड होता था उन्हें ही वोट देने का अधिकार होता था | आज भी देखिये राशन कार्ड ही मुख्य पहचान पत्र है इस देश में |
- अंग्रेजों के आने के पहले इस देश में गायों को काटने का कोई कत्लखाना नहीं था | मुगलों के समय तो ये कानून था क़ि कोई अगर गाय को काट दे तो उसका हाथ काट दिया जाता था | अंग्रेज यहाँ आये
तो उन्होंने पहली बार कलकत्ता में गाय काटने का कत्लखाना शुरू किया, पहला शराबखाना शुरू किया, पहला वेश्यालय शुरू किया और इस देश में जहाँ जहाँ अंग्रेजों की छावनी हुआ करती थी वहां वहां वेश्याघर बनाये गए, वहां वहां शराबखाना खुला, वहां वहां गाय के काटने के लिए कत्लखाना खुला | ऐसे पुरे देश में 355 छावनियां थी उन अंग्रेजों के | अंग्रेजों के जाने के बाद ये सब ख़त्म हो जाना चाहिए था लेकिन नहीं हुआ क्योंक़ि ये भी इसी संधि में है |
- हमारे देश में जो संसदीय लोकतंत्र है वो दरअसल अंग्रेजों का वेस्टमिन्स्टर सिस्टम है | ये अंग्रेजो के इंग्लैंड क़ि संसदीय प्रणाली है | ये कहीं से भी न संसदीय है और न ही लोकतान्त्रिक है| लेकिन इस देश में वही सिस्टम है क्योंकि वो इस संधि में कहा गया है | और इसी वेस्टमिन्स्टर सिस्टम को महात्मा गाँधी बाँझ और वेश्या कहते थे
- ऐसी हजारों शर्तें हैं | पहले के राजाओं को तो अंग्रेजी नहीं आती थी तो वो खतरनाक संधियों के जाल में फँस कर अपना राज्य गवां बैठे लेकिन आज़ादी के समय वाले नेताओं को तो अच्छी अंग्रेजी आती थी फिर वो कैसे इन संधियों के जाल में फँस गए | इसका कारण थोडा भिन्न है क्योंकि आज़ादी के समय वाले नेता अंग्रेजों को अपना आदर्श मानते थे इसलिए उन्होंने जानबूझ कर ये संधि क़ि थी | वो मानते थे क़ि अंग्रेजों से बढियां कोई नहीं है इस दुनिया में | भारत की आज़ादी के समय के नेताओं के भाषण आप पढेंगे तो आप पाएंगे क़ि वो केवल देखने में ही भारतीय थे लेकिन मन,कर्म और वचन से अंग्रेज ही थे | वे कहते थे क़ि सारा आदर्श है तो अंग्रेजों में, आदर्श शिक्षा व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श अर्थव्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श चिकित्सा व्यवस्था है तो
अंग्रेजों की, आदर्श कृषि व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श न्याय व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श कानून व्यवस्था है तो अंग्रेजों की | हमारे आज़ादी के समय के नेताओं को अंग्रेजों से बड़ा आदर्श कोई
दिखता नहीं था और वे ताल ठोक ठोक कर कहते थे क़ि हमें भारत अंग्रेजों जैसा बनाना है | अंग्रेज हमें जिस रस्ते पर चलाएंगे उसी रास्ते पर हम चलेंगे | इसीलिए वे ऐसी मूर्खतापूर्ण संधियों में फंसे |
- ये सब बदलना जरूरी है लेकिन हमें सरकार नहीं व्यवस्था बदलनी होगी | आपको और हमको ही इस व्यवस्था को जड मूल से समाप्त करना होगा जिसके लिए हमारा एक मात्र हथियार है वोट |
Photo: ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर एग्रीमेंट (सत्ता के हस्तांतरण की संधि ) --
- ये इतनी खतरनाक संधि है की अगर आप अंग्रेजों द्वारा सन 1615 से लेकर 1857 तक किये गए सभी 565 संधियों को जोड़ देंगे तो उस से भी ज्यादा खतरनाक संधि है ये | 14 अगस्त 1947 की रात को जो कुछ हुआ है वो एक टूटी फूटी आजादी थी| ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर का एग्रीमेंट हुआ था पंडित नेहरु और लोर्ड माउन्ट बेटन के बीच में | स्वतंत्रता और सत्ता का हस्तांतरण ये दो अलग चीजे है |
- सत्ता का हस्तांतरण कैसे होता है ? आप देखते होंगे क़ि एक पार्टी की सरकार है, वो चुनाव में हार जाये, दूसरी पार्टी की सरकार आती है तो दूसरी पार्टी का प्रधानमन्त्री जब शपथ ग्रहण करता है, तो वो शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद एक रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है, आप लोगों में से बहुतों ने देखा होगा, तो जिस रजिस्टर पर आने वाला प्रधानमन्त्री हस्ताक्षर करता है, उसी रजिस्टर को ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर की बुक कहते है और उस पर हस्ताक्षर के बाद पुराना प्रधानमन्त्री नए प्रधानमन्त्री को सत्ता सौंप देता है | और पुराना प्रधानमंत्री निकल कर बाहर चला जाता है |
- हमारे लिए स्वराज्य का मतलब क्या था ? अंग्रेज कहते थे क़ि हमने
स्वराज्य दिया, माने अंग्रेजों ने अपना राज तुमको सौंपा है ताकि तुम लोग कुछ दिन इसे चला लो जब जरुरत पड़ेगी तो हम दुबारा आ जायेंगे |
- इस संधि के अनुसार ही भारत के दो टुकड़े किये गए और भारत और
पाकिस्तान नामक दो Dominion States बनाये गए हैं | ये Dominion State का अर्थ हिंदी में होता है एक बड़े राज्य के अधीन एक छोटा राज्य, ये शाब्दिक अर्थ है और भारत के सन्दर्भ में इसका असल अर्थ भी यही है | अंग्रेजी में इसका एक अर्थ है "One of the self-governing nations in the British Commonwealth" और दूसरा "Dominance or power through legal authority "|
- Dominion State और Independent Nation में जमीन आसमान का अंतर होता है |
- आज़ादी का कानून अंग्रेजों के संसद में बनाया गया और इसका नाम रखा गया Indian Independence Act यानि भारत के स्वतंत्रता का कानून | इसीलिए गाँधी जी (महात्मा गाँधी) 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में नहीं आये थे | वो नोआखाली में थे | गाँधी जी कहते थे कि मै मानता नहीं कि कोई आजादी आ रही है और ये आजादी नहीं आ रही है सत्ता के हस्तांतरण का समझौता हो रहा है |
- गाँधी जी ने नोआखाली से प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमे पहले ही वाक्य में गाँधी जी ने ये कहा कि मै हिन्दुस्तान के उन करोडो लोगों को ये सन्देश देना चाहता हु कि ये जो तथाकथित आजादी (So Called Freedom) आ रही है ये मै नहीं लाया | ये सत्ता के लालची लोग सत्ता के हस्तांतरण के चक्कर में फंस कर लाये है | मै मानता नहीं कि इस देश में कोई आजादी आई है | भारत की राजनीति का सबसे बड़ा पुरोधा जिसने हिन्दुस्तान की आज़ादी की लड़ाई की नीव रखी हो वो आदमी 14 अगस्त 1947 की रात को दिल्ली में मौजूद नहीं था | क्यों ?
- Commonwealth Nations का मतलब होता है समान सम्पति यानी ब्रिटेन की रानी की समान सम्पति | ब्रिटेन की महारानी आज भी भारत की नागरिक है और Commonwealth में 71 देशों में जाने के लिए ब्रिटेन की महारानी को वीजा की जरूरत नहीं होती है लेकिन भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ब्रिटेन में जाने के लिए वीजा की जरूरत होती है | इसका क्या मतलब निकाले ???
- देश में प्रोटोकोल है क़ि जब भी नए राष्ट्रपति बनेंगे तो 21 तोपों की सलामी दी जाएगी उसके अलावा किसी को भी नहीं | लेकिन ब्रिटेन की महारानी आती है तो उनको भी 21 तोपों की सलामी दी जाती है, पिछली बार ब्रिटेन की महारानी यहाँ आयी थी तो एक निमंत्रण पत्र छपा था और उस निमंत्रण पत्र में ऊपर जो नाम था वो ब्रिटेन की महारानी का था और उसके नीचे भारत के राष्ट्रपति का नाम था मतलब हमारे देश का राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक नहीं है | ये है राजनितिक गुलामी, |
- भारत का नाम INDIA रहेगा और सारी दुनिया में भारत का नाम इंडिया प्रचारित किया जायेगा और सारे सरकारी दस्तावेजों में इसे इंडिया के ही नाम से संबोधित किया जायेगा | हमारे और आपके लिए ये भारत है लेकिन दस्तावेजों में ये इंडिया है | संविधान के प्रस्तावना में ये लिखा गया है India that is Bharat " जब क़ि होना ये चाहिए था "Bharat that was India " लेकिन दुर्भाग्य इस देश का क़ि ये भारत के जगह इंडिया हो गया | ये इसी संधि के शर्तों में से एक है |
- भारत के संसद में वन्दे मातरम नहीं गाया जायेगा अगले 50 वर्षों तक यानि 1997 तक | 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने इस मुद्दे को संसद में उठाया तब जाकर पहली बार इस तथाकथित आजाद देश की संसद में वन्देमातरम गाया गया | 50 वर्षों तक नहीं गाया गया क्योंकि ये भी इसी संधि की शर्तों में से एक है | और वन्देमातरम को ले के मुसलमानों में जो भ्रम फैलाया गया वो अंग्रेजों के दिशानिर्देश पर ही हुआ था | इस गीत में कुछ भी ऐसा आपत्तिजनक नहीं है जो मुसलमानों के दिल को ठेस पहुचाये |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार सुभाष चन्द्र बोस को जिन्दा या मुर्दा अंग्रेजों के हवाले करना था | यही वजह रही क़ि सुभाष चन्द्र बोस अपने देश के लिए लापता रहे और कहाँ मर खप गए ये आज तक किसी को मालूम नहीं है | समय समय पर कई अफवाहें फैली लेकिन सुभाष चन्द्र बोस का पता नहीं लगा और न ही किसी ने उनको ढूँढने में रूचि दिखाई | मतलब भारत का एक महान स्वतंत्रता सेनानी अपने ही देश के लिए बेगाना हो गया | सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज बनाई थी ये तो आप सब लोगों को मालूम होगा ही लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है क़ि ये 1942 में बनाया गया था और उसी समय द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और सुभाष चन्द्र बोस ने इस काम में जर्मन और जापानी लोगों से मदद ली थी जो कि अंग्रेजो के दुश्मन थे और इस आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया था | और जर्मनी के हिटलर और इंग्लैंड के एटली और चर्चिल के व्यक्तिगत विवादों की वजह से ये द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था और दोनों देश एक दुसरे के कट्टर दुश्मन थे | एक दुश्मन देश की मदद से सुभाष चन्द्र बोस ने अंग्रेजों के नाकों चने चबवा दिए थे | एक तो अंग्रेज उधर विश्वयुद्ध में लगे थे दूसरी तरफ उन्हें भारत में भी सुभाष चन्द्र बोस की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था | इसलिए वे सुभाष चन्द्र बोस के दुश्मन थे |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकुल्लाह, रामप्रसाद विस्मिल को आतंकवादी कहा गया और यही हमारे syllabus में पढाया जाता था बहुत दिनों तक | और अभी एक महीने पहले तक ICSE बोर्ड के किताबों में भगत सिंह को आतंकवादी ही बताया जा रहा था, वो तो भला हो कुछ लोगों का जिन्होंने अदालत में एक केस किया और अदालत ने इसे हटाने का आदेश दिया है |
- आप भारत के सभी बड़े रेलवे स्टेशन पर एक किताब की दुकान देखते होंगे "व्हीलर बुक स्टोर" वो इसी संधि की शर्तों के अनुसार है | ये व्हीलर कौन था ? ये व्हीलर सबसे बड़ा अत्याचारी था | इसने इस देश क़ि हजारों माँ, बहन और बेटियों के साथ बलात्कार किया था | इसने किसानों पर सबसे ज्यादा गोलियां चलवाई थी | 1857 की क्रांति के बाद कानपुर के नजदीक बिठुर में व्हीलर और नील नामक दो अंग्रजों ने यहाँ के सभी 24 हजार लोगों को जान से मरवा दिया था चाहे वो गोदी का बच्चा हो या मरणासन्न हालत में पड़ा कोई बुड्ढा | इस व्हीलर के नाम से इंग्लैंड में एक एजेंसी शुरू हुई थी और वही भारत में आ गयी | भारत आजाद हुआ तो ये ख़त्म होना चाहिए था, नहीं तो कम से कम नाम भी बदल देते | लेकिन वो नहीं बदला गया क्योंकि ये इस संधि में है |
- इस संधि की शर्तों के अनुसार अंग्रेज देश छोड़ के चले जायेगे लेकिन इस देश में कोई भी कानून चाहे वो किसी क्षेत्र में हो नहीं बदला जायेगा | इसलिए आज भी इस देश में 34735 कानून वैसे के वैसे चल रहे हैं जैसे अंग्रेजों के समय चलता था | जैसे Indian Police Act, Indian Civil Services Act (अब इसका नाम है Indian Civil Administrative Act), Indian Penal Code (Ireland में भी IPC चलता है और Ireland में जहाँ "I" का मतलब Irish है वही भारत के IPC में "I" का मतलब Indian है बाकि सब के सब कंटेंट एक ही है, कौमा और फुल स्टॉप का भी अंतर नहीं है) Indian Citizenship Act, Indian Advocates Act, Indian Education Act, Land Acquisition Act, Criminal Procedure Act, Indian Evidence Act, Indian Income Tax Act, Indian Forest
Act, Indian Agricultural Price Commission Act सब के सब आज भी वैसे ही चल रहे हैं बिना फुल स्टॉप और कौमा बदले हुए |
- इस संधि के अनुसार अंग्रेजों द्वारा बनाये गए भवन जैसे के तैसे रखे जायेंगे | शहर का नाम, सड़क का नाम सब के सब वैसे ही रखे जायेंगे | आज देश का संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, राष्ट्रपति भवन सब के सब वैसे ही खड़े हैं और हमें मुंह चिढ़ा रहे हैं | लार्ड डलहौजी के नाम पर डलहौजी शहर है , वास्को डी गामा नामक शहर है (हाला क़ि वो पुर्तगाली था ) रिपन रोड, कर्जन रोड, मेयो रोड, बेंटिक रोड, (पटना में) फ्रेजर रोड, बेली रोड, ऐसे हजारों भवन और रोड हैं, सब के सब वैसे के वैसे ही हैं | हर शहर में कोई न कोई भवन, सड़क उन लोगों के नाम से होंगे | - गुजरात में एक शहर है सूरत, इस सूरत शहर में एक बिल्डिंग है उसका नाम है कूपर विला | अंग्रेजों को जब जहाँगीर ने व्यापार का लाइसेंस दिया था तो सबसे पहले वो सूरत में आये थे और सूरत में उन्होंने इस बिल्डिंग का निर्माण किया था | ये गुलामी का पहला अध्याय आज तक सूरत शहर में खड़ा है |
- हमारे यहाँ शिक्षा व्यवस्था अंग्रेजों की है क्योंकि ये इस संधि में लिखा है और मजे क़ि बात ये है क़ि अंग्रेजों ने हमारे यहाँ एक शिक्षा व्यवस्था दी और अपने यहाँ अलग किस्म क़ि शिक्षा व्यवस्था रखी है| हमारे यहाँ शिक्षा में डिग्री का महत्व है और उनके यहाँ ठीक उल्टा है | अगर किसी के पास ज्ञान है और कोई अविष्कार करता है तो भारत में पूछा जायेगा क़ि तुम्हारे पास कौन सी डिग्री है ? अगर नहीं है तो उस अविष्कार और ज्ञान का कोई मतलब नहीं है | जबकि उनके यहाँ ऐसा बिलकुल नहीं है आप अगर कोई अविष्कार करते हैं और आपके पास ज्ञान है लेकिन कोई डिग्री नहीं हैं तो कोई बात नहीं आपको प्रोत्साहित किया जायेगा | नोबेल पुरस्कार पाने के लिए आपको डिग्री की जरूरत नहीं होती है | हमारे शिक्षा तंत्र को अंग्रेजों ने डिग्री में बांध दिया था जो आज भी वैसे के वैसा ही चल रहा है | ये जो 30 नंबर का पास मार्क्स आप देखते हैं वो उसी शिक्षा व्यवस्था क़ि देन है, मतलब ये है क़ि आप भले ही 70 नंबर में फेल है लेकिन 30 नंबर लाये है तो पास हैं, ऐसा शिक्षा तंत्र से सिर्फ गदहे ही पैदा हो सकते हैं और यही अंग्रेज चाहते थे |
- आप देखते होंगे क़ि हमारे देश में एक विषय चलता है जिसका नाम है Anthropology | इसमें गुलाम लोगों क़ि मानसिक अवस्था के बारे में पढाया जाता है | और ये अंग्रेजों ने ही इस देश में शुरू किया था और आज आज़ादी के 64 साल बाद भी ये इस देश के विश्वविद्यालयों में पढाया जाता है और यहाँ तक क़ि सिविल सर्विस की परीक्षा में भी ये चलता है |
- इस संधि की शर्तों के हिसाब से हमारे देश में आयुर्वेद को कोई सहयोग नहीं दिया जायेगा मतलब हमारे देश की विद्या हमारे ही देश में ख़त्म हो जाये ये साजिस की गयी | आयुर्वेद को अंग्रेजों ने नष्ट करने का भरसक प्रयास किया था लेकिन ऐसा कर नहीं पाए | दुनिया में जितने भी पैथी हैं उनमे ये होता है क़ि पहले आप बीमार हों तो आपका इलाज होगा लेकिन आयुर्वेद एक ऐसी विद्या है जिसमे कहा जाता है क़ि आप बीमार ही मत पड़िए |
- 1780 में एक अंग्रेज भारत आया था और यहाँ से प्लास्टिक सर्जरी सीख के गया था | मतलब कहने का ये है क़ि हमारे देश का चिकित्सा विज्ञान कितना विकसित था उस समय | और ये सब आयुर्वेद की वजह से था और उसी आयुर्वेद को आज हमारे सरकार ने हाशिये पर पंहुचा दिया है |
- इस संधि के हिसाब से हमारे देश में गुरुकुल संस्कृति को कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा | हमारे देश के समृद्धि और यहाँ मौजूद उच्च तकनीक की वजह ये गुरुकुल ही थे | और अंग्रेजों ने लार्ड मेकॉले की सिफारिश से सबसे पहले इस देश की गुरुकुल परंपरा को ही तोडा था,
जो Higher Learning Institute हुआ करते थे |

- इसमें कहा गया है क़ि अगर हमारे देश के (भारत के) अदालत में कोई ऐसा मुक़दमा आ जाये जिसके फैसले के लिए कोई कानून न हो इस देश में या उसके फैसलेको लेकर संबिधान में भी कोई जानकारी न हो तो साफ़ साफ़ संधि में लिखा गया है क़ि वो सारे मुकदमों का फैसला अंग्रेजों के न्याय पद्धति के आदर्शों के आधार पर ही होगा, भारतीय न्याय पद्धति का आदर्श उसमे लागू नहीं होगा | कितनी शर्मनाक स्थिति है ये क़ि हमें अभी भी अंग्रेजों का ही अनुसरण करना होगा |
- इस संधि में ये भी है क़ि ईस्ट इंडिया कम्पनी तो जाएगी भारत से लेकिन बाकि 126 विदेशी कंपनियां भारत में रहेंगी और भारत सरकार उनको पूरा संरक्षण देगी | और उसी का नतीजा है क़ि ब्रुक बोंड, लिप्टन, बाटा, हिंदुस्तान लीवर (अब हिंदुस्तान यूनिलीवर) जैसी 126 कंपनियां आज़ादी के बाद इस देश में बची रह गयी और लुटती रही और आज भी वो सिलसिला जारी है |
- अंग्रेजी का स्थान अंग्रेजों के जाने के बाद वैसे ही रहेगा भारत में जैसा क़ि अभी (1946 में) है और ये भी इसी संधि का हिस्सा है | हमारे देश में, संसद में, न्यायपालिका में, कार्यालयों में हर कहीं अंग्रेजी, अंग्रेजी और अंग्रेजी है जब क़ि इस देश में 99% लोगों को अंग्रेजी नहीं आती है |
- हमारे देश में आजादी के 50 साल बाद तक संसद में वार्षिक
बजट शाम को 5:00 बजे पेश किया जाता था क्योंकि जब हमारे देश में शाम के 5:00 बजते हैं तो लन्दन में सुबह के 11:30 बजते हैं और अंग्रेज अपनी सुविधा से उनको सुन सके और उस बजट की समीक्षा कर सके | इतनी गुलामी में रहा है ये देश | ये भी इसी संधि का हिस्सा है |
- 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ तो अंग्रेजों ने भारत में राशन कार्ड का सिस्टम शुरू किया क्योंकि द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों को अनाज क़ि जरूरत थी और वे ये अनाज भारत से चाहते थे | इसीलिए उन्होंने यहाँ जनवितरण प्रणाली और राशन कार्ड क़ि शुरुआत क़ि | वो प्रणाली आज भी लागू है इस देश में क्योंकि वो इस संधि में है | और इस राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल उसी समय शुरू किया गया और वो आज भी जारी है | जिनके पास राशन कार्ड होता था उन्हें ही वोट देने का अधिकार होता था | आज भी देखिये राशन कार्ड ही मुख्य पहचान पत्र है इस देश में |
- अंग्रेजों के आने के पहले इस देश में गायों को काटने का कोई कत्लखाना नहीं था | मुगलों के समय तो ये कानून था क़ि कोई अगर गाय को काट दे तो उसका हाथ काट दिया जाता था | अंग्रेज यहाँ आये
तो उन्होंने पहली बार कलकत्ता में गाय काटने का कत्लखाना शुरू किया, पहला शराबखाना शुरू किया, पहला वेश्यालय शुरू किया और इस देश में जहाँ जहाँ अंग्रेजों की छावनी हुआ करती थी वहां वहां वेश्याघर बनाये गए, वहां वहां शराबखाना खुला, वहां वहां गाय के काटने के लिए कत्लखाना खुला | ऐसे पुरे देश में 355 छावनियां थी उन अंग्रेजों के | अंग्रेजों के जाने के बाद ये सब ख़त्म हो जाना चाहिए था लेकिन नहीं हुआ क्योंक़ि ये भी इसी संधि में है |
- हमारे देश में जो संसदीय लोकतंत्र है वो दरअसल अंग्रेजों का वेस्टमिन्स्टर सिस्टम है | ये अंग्रेजो के इंग्लैंड क़ि संसदीय प्रणाली है | ये कहीं से भी न संसदीय है और न ही लोकतान्त्रिक है| लेकिन इस देश में वही सिस्टम है क्योंकि वो इस संधि में कहा गया है | और इसी वेस्टमिन्स्टर सिस्टम को महात्मा गाँधी बाँझ और वेश्या कहते थे
- ऐसी हजारों शर्तें हैं | पहले के राजाओं को तो अंग्रेजी नहीं आती थी तो वो खतरनाक संधियों के जाल में फँस कर अपना राज्य गवां बैठे लेकिन आज़ादी के समय वाले नेताओं को तो अच्छी अंग्रेजी आती थी फिर वो कैसे इन संधियों के जाल में फँस गए | इसका कारण थोडा भिन्न है क्योंकि आज़ादी के समय वाले नेता अंग्रेजों को अपना आदर्श मानते थे इसलिए उन्होंने जानबूझ कर ये संधि क़ि थी | वो मानते थे क़ि अंग्रेजों से बढियां कोई नहीं है इस दुनिया में | भारत की आज़ादी के समय के नेताओं के भाषण आप पढेंगे तो आप पाएंगे क़ि वो केवल देखने में ही भारतीय थे लेकिन मन,कर्म और वचन से अंग्रेज ही थे | वे कहते थे क़ि सारा आदर्श है तो अंग्रेजों में, आदर्श शिक्षा व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श अर्थव्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श चिकित्सा व्यवस्था है तो
अंग्रेजों की, आदर्श कृषि व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श न्याय व्यवस्था है तो अंग्रेजों की, आदर्श कानून व्यवस्था है तो अंग्रेजों की | हमारे आज़ादी के समय के नेताओं को अंग्रेजों से बड़ा आदर्श कोई
दिखता नहीं था और वे ताल ठोक ठोक कर कहते थे क़ि हमें भारत अंग्रेजों जैसा बनाना है | अंग्रेज हमें जिस रस्ते पर चलाएंगे उसी रास्ते पर हम चलेंगे | इसीलिए वे ऐसी मूर्खतापूर्ण संधियों में फंसे |
- ये सब बदलना जरूरी है लेकिन हमें सरकार नहीं व्यवस्था बदलनी होगी | आपको और हमको ही इस व्यवस्था को जड मूल से समाप्त करना होगा जिसके लिए हमारा एक मात्र हथियार है वोट |

Why Discrimination on basis of Relegion..............????????????????

ये बुखारी सही बोल रहा है या गलत---आप लोग खुद बताये---सपा के कमाल फारूखी बताये की इसके ऊपर 20 अदालतों का गिरफ़्तारी वारंट होने के बावजूद भी क्यों खुला घूम रहा है---क्या अरबी मजहब का है इसलिए इसको विशेषाधिकार मिला है---वैसे अब हिन्दुओ को सोचना होगा

Sunday 1 September 2013

Reality of Women Empowerment in India

Reality of Women Empowerment in India

Story Behind Your Date of Birth.....................

STORY BEHIND YOUR DATE OF BIRTH !!!! Interesting !!

Hey this is really true and see it will work for you too

If U were born on the 1st, 10th, 19th, 28th of any month U r number 1....

If U were born on the 2nd, 11th, 20th, 29th of any month then U r number 2...

If U were born on the 3rd, 12th, 21st, 30th of any month then U r number 3...

If U were born on the 4th, 13th, 22nd, 31st of any month then U r number 4...

If U were born on the 5th, 14th, 23rd of any month then U r number 5...

If U were born on the 6th, 15th, 24th of any month then U r number 6...

If U were born on the 7th, 16th, 25th of any month then U r number 7...

If U were born on the 8th,17th,26th of any month then U r number 8...

If U were born on the 9th,18th,27th of any month then U r number 9...



Number 1

You are smart, straight talking, funny, stubborn, hardworking, honest,Jealous on competing basis, kind hearted, angry, friendly, authorities, Famous person... always want to be and regarded as first on people position, they are often like to be independent, will never be under others, self confident people!

You are most likely to fall in love in the younger age, but will get marry when you mature! You are likely to have problems with people who have opposite views
And you are most likely to take revenge over your enemies in a long time basis. You are a spender, but you will have a good profession in the future.

If you are guy you will be very popular that everybody will have mental attraction and respect at you. You can go anywhere from the local shop to the heart of the parliament because you are positive and well talented in numerous issues!! But in your life you will always have some people who will work hard to bring you & your name down. This is undercover!! Coz of your smart behavior you will be hated by some people too...

Your family life is very cool, you will have a very nice partner & wonderful children... You are pioneer, independent & original...

Your best match is 4,6,8 good match is 3,5,7 !!!

Number 2

No matter what, you will be loved by every one coz your ruler is the moon and every one loves the Moon. Well.. You are a person who day dream a lot, you have very low-self confidence, you need back up for every move in your life, you are very much unpredictable. Means you do change according to time and circumstances, kind a selfish, have a very strong sense of musical, artistic talent, verbal communication.

Your attitudes are like the Moon, comes to gloom and fade away so everybody can expect changes in you. You can be a next Mahatma Gandhi who does peace love or you can be a Hitler who wants to destroy the man kind and peace (I mean in the community and your own home).

If you really have a deep thought about your own believe in God you can feel the difference which will make you stronger! Most of the time your words are a kind of would be happening true! So without any knowledge you can predict the situation. You will become poets, writers, any Artistic business people!

You are not strong in love, so you will be there and here till you get marry.. If U r a girl you will be a responsible woman in the whole family. If U r a man you will involve in fights & arguments in the family or Vice-versa. Means you will sacrifice your life for the goodness sake of Your family...You are gentle , intuitive with a broad vision, a power behind the scenes, well balanced People!!!

Your best match is 2 ,5 ,9 no other people can put up with you !!!

Number 3

You are a person of hard hearted, selfish most of the times, religious, loves to climb up in your life. You always tend to have lots of problems within your family in the early stages but you will put up with everything.. You have the strong word power, pretty happy face.. So wherever you go always you have got what you wanted!!! And from the birth always wanted to work hard in order to achieve something.. You will not get anything without hardwork! When you reach a man/ woman age you want other younger once to listen to you because you want younger people to respect people older than them. You do set so many examples to others.

Generally you are not a cool person. It's not easy thing dealing with you. A tough player you are! But once you like someone's attitude then here you go, what can I say? It will be a lasting friendship. You always have respect from others.

Your life seems to have lots of worries and problems but sure they won't be long.. you will always have brilliant kids!!! You love the money a bit too much so temptation will push you to endless trying and trying.. If you are a guy then it's over. Looking after your family and help friends, so you will spend a life time just being generous and kind (except 21st born men). And number 3s you will
be such an example of how to be in the culture & life!!! If you are girl then you have good character and culture & hardworking attitude. You always follow.

You are a freedom lover, creative, ambition focused, a person who brings beauty , hope & joy to this world!!!

Your best match 6 ,9. Good match 1 ,3 ,5 !!!

Number 4

You are very stubborn too, very hard working but unlucky in important matters in life, very cool, helpful, you have rough word power.. Might put lots of people away from you, you may cause nuisance to others if you are a man, and you often understands others and their problems well. If you are a girl you are very good with studies and arts. If you are a guy you spend most of the time after girl friends (almost) at times, you will have sort of too much fun life with mates & girls. Your friends will spend your time & money and get away with their life and you will become empty handed and don't know what to do... So be careful!! You love to spend anyway!!!

Your good will is you are always there to help family and friends. Tell you what you people are little gem! s, specially the girls.. You always fall in love in younger age as well. You often live with disappointments, for an example you have got a degree in some thing... but you will be unemployed.. or will do very ordinary jobs.

But you will take care of your family very well...All you need to be careful of people who will take advantage of your kind heart. And beware of your relations too..

You are radical, patient, persistent,a bit old-fashioned, you live with foundation & order...

Your best Match 1, 8. Good match 5 ,6 , 7 !!!

Number 5

You are very popular within the community, you can get things done by just chatting..to even enemies! You have a pretty good business mind, you are often have no-idea what is today is like, or tomorrow is like, you are a person who does anything when your head thinks "lets do this". You will be famous if you open up a business, get involve in share dealings, music etc.. Very popular with sense of humor ,you are the one your friends and families will always ask for help, and you are the one actually get money on credit and help your friends. You will have more than 1 relationship, but when u get settle down you will be a bit selfish anyway. Coz your other half will have a pretty good amount of control in you, be careful! You tend to go for other relationships! Contacts even you are married at times 'coz your popularity..

You are someone who get along with anyone coz the number 5 is the middle number.. Changes & freedom lovers you are! You are an explorer with magic on your face. You learn your life through experience and it's your best teacher!!!

Your best match 1 ,2 ,9. Good match 6 ,8 !!!

Number 6

Ooopppss..you are born to enjoy.. You don't care about others. I mean you are always want to enjoy your life time, you are a person.. You will be very good in either education or work wise or business management! You are talented, kind (but with only people who you think are nice), very beautiful girls and guys, popular and more than lucky with anything in your lives. All the goodness does come with you. Your mind and body is just made perfect for love.

You are lovable by any other numbers. But if you are a number 6 man, you will experience kind of looks from most girls and will involve in more than few relationships until you get married. If you are girl, most of you will get marry/engaged early. You are a caring person towards your family & friends .

If you miss the half-way mark then you are about to suffer physically and mentally. Generally you will lead a very good inner-home happiness with nothing short of. You are a person of compassion, comfort & fairness, domestic responsibility, good judgment, and after all you can heal this world wounds to make peace for every life coz you have the great power of caring talent to make this world of love one step further...

Your best match 1, 6, 9. Good match 4, 5 !!!

Number 7

You have got the attraction to anyone out there, you are realistic, very confident, happy, such a talented individual with your education, music, arts, singing, and most importantly acting too. You have real problems with bad temper! If you are a girl, you are popular with the subjects listed above.

You give up things for your parents. I mean you value your family status a lot, you will be in the top rank when you reach a certain age. If you are a guy you are popular with girls, you are a very talented too. Most of the number 7s face lots of problems with their marriage life.

Only a very few are happy. You have everything in your life, but still always number 7s have some sort of unfullfilness, such worries all their lifetime.

It's probably the Lord given you all sort of over the standard humans talents and you are about to suffer in family life. So you need to get ready looking for a partner rather than waiting. If you don't, then you might end-up single. So take care with this issue, ok?

You are wonderful, friendly, artistic, happy person.. You are born to contribute lots to this world!!!

Your best match is 2. Good matches are 1,4 !!!

Number 8

You are a very strong personality, there's no one out there will understand you. You are very good at pointing your finger at some thing and say "this is what".
You are more likely to suffer from the early ages. I mean poverty. If your times are not good you might lose either of your parent and end up looking after your entire family. You often suffer all the way in life.

The problems will not allow you to study further, but you will learn the life in a very practical way. You are the one who will fight for justice and may die in the war too. You are normally very reserved with handful of friends and most of the time live life lonely and always prepared to help others.

Well. once you get married (which is often late) then your bad lucks will go away a bit and you! u become safe. You will face un-expected problems such as :
the error, government, poisonous animals, accidents.

You are some one with great discipline, persistence, courage, strength which will take you to success. You are a great part of a family team. You are a fighter!

Your Best match 1 ,4, 8. Good match 5 !!!

Number 9

Hey...you guys are the incompatibles people in the world. You are so strong, physically and mentally... You are often have big-aims. You will work hard and hard to get there. Normally you suffer in the early age from family problems and generally you will have fighting life.. But when you achieve what you have done, it's always a big task you have done! You are so much respected in the community, you are a person who can make a challenge and successfully finish the matter off.

You are very naughty in your younger age, often beaten up by your parents and involve in fights and you seemed to have lots of injuries in your life time. But when u grow you become calm and macho type.

Love is not an easy matter for you. You are good in engineering or banking jobs because people always trust you.

Your family life is very good, but will have worries over your children.

Your such qualities are humanitarian, patient, very wise & compassionate.

You are born to achieve targets and serve every one all equally without any prejudice.

You are totally a role model to anybody in the world for a great inspiration.

Your Best match 3, 5, 6, 9. Good match 2

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Safe & Effective Mosquito Repelent

Safe & Effective Mosquito Repelent

Have a mosquito problem ???

At your next outdoor gathering try this SAFE and EFFECTIVE method of keeping mosquitoes at bay !

Simply slice a lime in half and press in a good amount of cloves for an ALL NATURAL mosquito repellent...

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Election Time

संसदीय इलेक्शन के नगाड़े पिटना शुरू हो गए हैं... जंगी ढोलों का कोलाहल सुनाई पड़ रहा है... कोई अति मुलायम कुनबा मिशन 2014 के लिए टोपी पहनकर मौलाना अज्ज़म की दुकान पर अपनी साइकिल में हवा भरवा रहा है... तो कोई दबा-कुचला महावत हथिनी की जन्मपत्री पंडित मिसिर जी को दिखा रहा है... कोई शातिर जेबकतरिन अपने दामाद से छिपाकर अपने लल्लू छोकरे को झाड़ू-पंजा लेकर ट्रेनिंग दे रही है... तो कोई कच्छ के रण से पकड़ कर आये जंगी सांड को भगवा झंडा दिखा-दिखा कर लड़ने के लिए जोश दिला रहा है... कोई साधू सांड के पैर अपने पंजे से छूकर आशीष मांग रहा है... लाल लंगोटे वाले कामरेड पहलवान भी हंसिया को हथौड़े से पीट-पीटकर धार बना रहे हैं... शिव जी की सेना के कलियुगी बैल भी अपने खुरों से मराठी धरती खोदे दाल रहे हैं... कुछ छुटभैय्ये पहलवान भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए अंड-बंड दंड पेल रहे हैं... कुल मिलाकर यह मुई कुर्सी एक ऐसी कुतिया है जिसके लिए सारे राजनीतिक कुत्ते अवश्यम्भावी कुकुर-युद्ध में एक दूसरे को नोच खाने के लिए तैयार मुद्रा में हैं... कोई कुत्ता किसी दूसरे कुत्ते को वाकओवर देने को तैयार नहीं है...

मुश्किल अपुन जैसे आम वोटरों की है... इस कुकुर-युद्ध में आम जनता को इन्हीं कुत्तों में से किसी न किसी पर दांव लगाना है... मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी विकास जैसे मुद्दे तो नेपथ्य में चले गए हैं... दरअसल इन मुद्दों पर सभी राजनीतिक दल एक समान अक्षम और निकम्मे हैं... अब मुद्दा जो संख्या के आधार पर थोक में वोट दिलाता है और कुर्सी पर चढ़ाता है वो है सेक्युलरिज्म और जातिवाद विरोधी एजेण्डा...

बाबा जी के संविधान में भी सेक्युलरिज्म और जातिविहीन समाज ही हमारे लोकतंत्र का आधार है... तो क्या कोई मित्र किसी ऐसे राजनीतिक दल का नाम बता सकता है जो वास्तव में सेक्युलर हो... अर्थात जो ना धार्मिक बहुसंख्यकों के नाम पर राजनीति करता हो और ना ही धार्मिक अल्पसंख्यकों के नाम पर... या फिर कोई ऐसा दल जो जातिगत आधार पर राजनीति न करता हो... अर्थात जो दलित, अति दलित, अगड़े, पिछड़े, अति पिछड़े वोटों की गणित के आधार पर ना चलता हो... या फिर किसी ऐसे राजनीतिक दल का नाम बताइये जिसके एजेण्डे में सिर्फ भारत और भारतीय हों... लोकतंत्र एक नाटक हो चला है और चुनाव एक छलावा... वोटर मेहरबान तो गधे भी बन जाते पहलवान...

खाद्य सुरक्षा बिल का सच ---

खाद्य सुरक्षा बिल का सच ---
- अनाज के बजाय शराब ज़रूर सर्वत्र उपलब्ध है. अनाज की सीमा तो सरकार ने 5की. तय कर दी है जो सही नहीं है.
- आज़ादी के ६५ वर्षों बाद भी सारी दुनिया के एक तिहाई भूखे भारत में है. 
- सबसे ज़्यादा भूख चीन में कम हुई है , जहां लोकतंत्र नहीं है. इससे लोकतंत्र पर सवाल खडा होता है.
- सारी दुनिया में भूखों की संख्या में 67 वे पायदान पर भारत है.
- अब भारत में किसानों की बजाय मजदूरों की संख्या अधिक हो गई है. 55% की जगह आज मात्र 24 % किसान है. 30 % मजदूर है.
- किसान कभी कटोरा नहीं उठाता . पर जो किसान मजदूर बन कर शहर की और पलायन करते है , वे भूख के कारण कटोरा उठाने को मजबूर हो जाते है. गाँव खाली हो रहे है और शहर झुग्गियों के कारण बदहाल हो रहे है .
- काला हांडी जो भूख और गरीबी के कारण कुख्यात है. उस क्षेत्र में ऐसे भी १५-१६ गाँव है , जहां भूख से कोई नहीं मरा. वहां के एक बुज़ुर्ग ने कुछ वर्ष पूर्व एक कम्युनिटी फ़ूड बैंक बनाया. गाँव के किसान कुछ धान बैंक में जमा करते थे. पहले वर्ष 20 की. धान जमा हुआ.
- जो भी भूखा हो वह उस बैंक में जा कर धान मांगेगा और कटाई के समय काम करेगा और साथ ही धान वापस करेगा और एक कटोरा धान ब्याज होगा.
- उस बैंक में आज २५० क्विंटल ग्रेन अनाज है. वहां जब चक्रवाती तूफ़ान आया तो वही बैंक सबसे बड़ा सहारा बना . वह गाँव आत्म निर्भर हो चुका था.
- अंग्रेजों के आने के पहले हर गाँव में यहीं प्रथा थी.
- पटना में एक बहुत बड़ा गोला है , जो पुराने ज़माने में फ़ूड बैंक थी.
- इस देश के साढे छः लाख गाँवों में से साढे पांच लाख गाँवों में खेती होती है. वे ऐसा बैंक बना कर आत्मनिर्भर हो सकते है.
- सरकारी आंकड़े कहते है की वे 67 % गरीबों को खाद्य सुरक्षा देंगे , पर योजना आयोग के अनुसार गरीब तो 21 % ही है.ये आंकड़े कहीं जमते नहीं है. गरीबी की रेखा तो विवादास्पद है ही .
- सरकार २०१४ के चुनाव के पहले अनाज की बजाय नकद रकम या कूपन देगी . किसी भी दूकान से अनाज खरीदा जा सकेगा .
- राशन के दुकानों की ज़रुरत नहीं रहेगी. सरकार अनाज नही खरीदेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य की ज़रुरत नहीं रहेगी .
- FCI में पडा हुआ अनाज वायदा बाज़ार में लगाया जाएगा , जिससे अनाज की कीमतें बढेंगी .
- गाँव के किसान के हाथ ना जमीन , ना ही खाद्यान्न होगा .
- इससे कोर्पोरेट्स ही फायदे में रहेंगे. कूपन के बदले ये बड़े बड़े स्टोर्स अनाज बेचेंगे. यहीं बाहर के देशों में हो रहा है. और वहां भी किसान खेती से बाहर हो रहे है और उद्योगपति लाभ उठा रहें है .
- छत्तीसगढ़ में इसका अच्छा सकारात्मक उदाहरण है. गाँव में ही उत्पादन हो , खपत हो , और वितरण हो. पंचायत को इसका नियंत्रण दे दिया गया है. आज छत्तीसगढ़ अपना सरप्लस अनाज दुसरे राज्यों को बेच रहा है. इसके लिए विष मुक्त ऋषि खेती अपनाने की ज़रुरत है.
- इस खाद्य सुरक्षा बिल के कुचक्र से बाहर निकलना हो तो चुप ना रहे , आवाज़ उठाये. इससे गरीबों को कोई लाभ नहीं होगा , बल्कि गरीबी बढ़ेगी.

Saturday 31 August 2013

रूपए की कीमत और डालर


रूपए की कीमत और डालर
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इस पर बहुत सारी पोस्ट फेसबुक पर आ रही है l मैंने सोचा मै भी अपने मन की बात लिख दूँ ,,राजीव दिक्सित जी का एक विडिओ देखा था l आखिर क्यों लगातार रुपया गिरता जा रहा है ,,कुछ लोग कांग्रेस से ऊपर सोचते ही नहीं यही भुल है l कांग्रेस तो छोटा सा प्यादा है उनका (इल्क्लुमिनाती का )l कुछ लोग सोचते हैं की दूसरी सरकार आएगी और रुपया डालर बराबर कर देगी ,,,हा हा हा जितना हंसू उतना कम है l सही मायने में तो रोना आता है ,,की आप देश भक्ति को वोट से जोड़ देते हो ,,सरकार बदलने से पेट्रोल आपको सस्ता नहीं मिलेगा l सरकार बदलने से आप रूपए की कीमत नहीं बढ़ा पाओगे l ये तो साजिश के तहत घटाया जा रहा है l जी हाँ आपको गरीब बनाने के लिए ,,,जी हाँ आपके खनिज को लुटने के लिए ,,,कौन लूट रहा है आपके खनिज ...कांग्रेस ,,,नहीं उसके उपर भी कोई है उनके बाप ,,,वो बाप लोग यहाँ की सरकार को कंट्रोल करते हैं चाहे कांग्रेस की हो या किसी की l वो बाप लोग मिडिया और न्यायालय को अपनी बपौती समझते हैं ,,दुसरे शब्दों में कहूँ संविधान भी उन्ही का दिया हुआ है l
इल्लुमिनाती (यूरोप के वो तेरह राजघराने ,अंग्रेज कह लीजिए ),,जब देश को आज़ाद (नकली आज़ादी )करके गई तो लोगो ने सोचा हम आज़ाद हो गए ,,अब हमसे कोई लगान नहीं लिया जाएगा ,,,अब हमसे कोई टेक्स नहीं लिया जाएगा l पर क्या ऐसा हुआ ?
हुआ यूँ की उन तेरह राज घरानों(इल्लुमिनाती ) ने लूटने का फार्मूला बदल दिया ,,,अब वो डंडा लेकर नहीं परेशान करते ,,बल्कि डंडे वालो की फ़ौज खड़ी कर दी ,पुलिस जज कोर्ट सरकार संविधान सब उन्ही का ही तो काम करते हैं l

बात करते है राजीव जी के उस विडिओ की
https://www.youtube.com/watch?v=hCcPuXVYmKI

इल्लुमिनाती ने तीन प्रमुख संस्थाएं बनाई ,,,imf और वर्ल्ड बैंक ,,,तीसरा कारखाना लगाया जिसको आप अमेरिकी फेड रिजर्व के नाम से जानते हैं ,,पर बहुत लोग जानते होंगे की अमेरिका सरकार का है वो फेड रिजर्व l अम्रेरिका का नहीं इल्लुमिनाती का है वो फेड रिजर्व l फेड रिजर्व में ठोक भाव में डालर (कागज़ )छापना शुरू किया ,,कर्जा बाटने के लिए ,,,जी हाँ अमेरिका को भी कर्जा दिया ,,,सारे देशो को फ्री में कागज(डालर ) के बाटा ,,बदले में उनको क्या चाहिए था ? संसाधन ,,कैसा संसाधन ,,अरब देशो से पेट्रोल,,,भारत से लोहा कोयला आदि आदि l जब की संसाधनों पर मूल हक़ देश की जनता का होना चाहिए l पर उन राक्षसों को जनता नाम से नफरत है ,,,पूरी पृथ्वी उनके बाप की है ऐसा सोचते हैं वो राक्षस l
१९४५ के आस पास की बात है जब उन्होंने न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का प्रोग्राम आस्तित्व में लाए ,उसके बाद ही उपर्युक्त तीन संस्थाओं को बनाया l

कैसे लुटती है इल्लुमिनाती इन संस्थाओं से
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जबरन विश्व के सारे देशों को इनमे शामिल होने के लिए दबाव बनवाया ,,,डालर यानी कागज़ देने का लालच दिया ,,,नेहरु तो उनका एजेंट मान गया सारी बात ,,नहीं मानता तो मौत होती ,,मिला कर्जा (डालर, कागज )भारत को पहली बार ,जब की भारत को कर्ज की आवश्यकता ही नहीं थी इतने संसाधन खुद थे भारत के पास l बदले में विदेशी कंपनियों का जाल बिछाया और ठेका मिलने लगा खदानों का ,,लूटने लगे वो संसाधनों को ,,आज तक लुट रहे हैं l

अब थोड़ी सी दिकत आने लगी राक्षसों को ,,,संसाधन उनको महंगे मिलते थे ,,इसलिए imf से दबाव बनवा कर रूपए की किमत गिरवाने लगे ,,,आज तक वो सिलसिला जारी है ,,कोई भी प्रधान मंत्री बनता है वो रुपया गिरवाता है ,,सरकार को डर इस बात का रहता है की कहीं वर्ल्ड बैंक पुराना कर्जा न मांगने लगे l जब की कर्जा कैसा ,,लिया तो डालर यानी कागज ही था l
वैनिजुएला के राष्ट्रपति ने इतना बोला की मुझे पेट्रोल के बदले डालर नहीं चाहिये सोना गोल्ड चाहिए ,,मरवा दिया इल्लुमिनाती ने l

पहले लोहा इल्लुमिनाती 50 रूपए किलो खरीदती थी आज आठ रूपए किलो खरीद रही है ,,,मतलब जनता के लिए मंहगाई बढ़ रही है उनके लिए घट रही है ,,,कैसे रूपए का दाम गिरवा कर ,,किस्से अपनी ही बनाई संस्था imf से l


ब्रम्ह वाक्य ==

wto ,वर्ड बैंक ,imf ,,से रिश्ता तोड़ो ,भारत की सेना मजबूत करो ,सेना के हथियार भारत में बनवाओ ,सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की इन तीनो संस्थाओं से सम्बन्ध टूटने के बाद जो राक्षसों द्वारा युद्ध थोपा जाएगा उस युद्ध को भारत की सेना लड़ सके l भारत की सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की नाटो की सेना से युद्ध लड़ सके

Jago...Jago..Jago..


उचित खान-पान उचित खान-पान


शुभ प्रभात मित्रों! आपका दिन शुभ रहे…

उचित खान-पान

शाम को चावल, दही, मूली न खाया कीजिये,
गर सुबह मिल जाये तो हर्गिज न छोडा कीजिये.
दाल-चावल को सभी खाते हैं सीधे से उबाल,
हर किसी सब्जी को ऐसे ही बनाया कीजिये.
कोई भी सामान मैदे का बना, हाजिम नहीं,
पेट को मिर्ची से जितना हो बचाया कीजिये.
मौसमी हर फल है रखता, आपकी सेहत दुरुस्त,
जिस भी कीमत पर मिले, इन सबको खाया कीजिये.
साथ खाने के जरा पानी भी पीना है मुफीद,
बाद खाने के जरा सा गुड भी खाया कीजिये.
दोपहर भोजन के बाद, थोडा सा आराम हो,
शाम को भोजन के फौरन बाद टहला कीजिये.
जितना सादा-औ-कुदरती हो सके भोजन करें,
सौंफ, जीरा, आंवला, नींबू न भूला कीजिये.
पेश्तर खाने के अदरक-औ-नमक खाया करें,
लाल गाजर, हरा धनिया, खूब खाया कीजिये.
तबियत न हो खाने की गर, तो कतई मत खाईये,
जब कभी भी हो सके, उपवास रखा कीजिये.
खाना खाकर जल न पीना, और न जब भूख हो,
अच्छे पाचन के लिये यह याद रखा कीजिये.
फायदे यूं बहुत हैं, सच बात तो है यह 'फिदा',
जो पच सके आराम से, बस वो ही खाया कीजिये.
. Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma
Social Activist, RTI Activist & Scientist

Friday 30 August 2013

Donot Write on Notes...................



MUST SHARE..!

RBI Guidlines:
Because of writing on Indian currency notes , Indian
Govt loses Rs 2638 cr each year, so Please don't
write anything on currency note as they can'tbe
used for STD transactions

e.g.: We can't find written Notes in ATM.

When will we learn to value & respect our own currency?
Have you seen a dollar bill or a Pound with
anything written on it?

Isn't a useful message better to Share than silly jokes ?

How to Oppose IrBM in Loksabha...?? Give your Ideas/ Suggestions

How to Oppose IrBM in Loksabha...?? Give your Ideas/ Suggestions

How to Oppose IrBM in Loksabha...........??????   Please give your Ideas/ Suggestions Quickly................!!!!!!!!!!!

As you know IrBM has been passed in Rajyasabha, and Now ready for Loksabha. In next week it can be presented on any Day. Therefore you are requested to Respond Quickly. We did some efforts to oppose IrBM ,particularly in August Month. On 2nd at Jantar-Mantar with 4 persons, then on 9th at 10 Janpath, Sonia Gandhi 's House with 13 persons ,11 persons were arrested. We Did our level best, informed all persons of Delhi SIFF like SwarupSarkar & Others for Support. They intentionally did not Supported, but always interested to come before Media. Then Few People Came Out and Decided to do something,  we came  on Conclusion that---

Delhi SIFF people are not going to/ canot do anything Now. The persons outside Delhi are doing well like Calcutta people did Recently.
India has Population of 121 Crores , and Do you think that 20-30 people will do Magic at Parliament on Sensitive Issue...........????  Answer is NO.

The Need of Hour is-----
1) Minimum Gathering of 500+ people on even Short Notice.
2) Dedicated Road Activities, that become Event for Media.
3) Acceptence of Ground Reality/ New Idea.
4)  Faith of Victims / Persons that we will do for Cause.
5) Councelling by Experienced Hands.
6) Intention to Help
7) Awakening + Motivation for the Cause

The Present Problems are---
1) We are not able to Cross the20/30 numbers.
2) Selfish Attitude
3) No interest for Ground Activities
4) Busy with intention to get photo in Media.
5) Loss of Faith of New & Old persons
6) Councelling by unexperienced persons leading to Confusion among new Commers.
7) Ignorence of Ground Reality
8) No Activities for actual Problem.
9) Intentions to take the Credits for Efforts of others, but no Self Dedication for Cause.

These are the outcomes that came after Deep Thoughts. Our intention is not to do leg pulling / to show others Down, rather creating  the Transparent & Clear the Picture, so that FAITH of People is not Misused. We sincerely request you to give your Suggestions............. Fast................... so that we can deliver  the  Best
Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma---परिवार बचाओ ---- देश बचाओ

Social Activist, RTI Activist & Scientist...

ट्रायल रूम में लगे गोपनीय कैमरों का पता कैसे लगायें ?

ट्रायल रूम में लगे गोपनीय कैमरों का पता कैसे लगायें ?
सबसे पहले जब आप ट्रायल रूम के सामने पहुचे तो इस अपने मोबाइल फ़ोन से एक कॉल कर इस बात का इत्मीनान कर लीजिये की आपके फ़ोन से कॉल हो रही है....

इसके बाद आप ट्रायल रूम में जाइये, अंदर जाते ही apni ड्रेस के ट्रायल से पहले फिर से एक कॉल करिए..... यदि कॉल नहीं जा रही है.........!!!!!

इसका मतलब ट्रायल रूम में गोपनीय कैमरा है

ऐसा फाइबर ऑप्टिकल केबल के द्वारा मोबाइल के सिंग्नल ट्रान्सफर को बाधित करने के वजह से होता है....

कृपया इसे अपने वाल पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और अपने महिला मित्रों, बहनों, को इस गोपनीय कैमरे से सावधान करे.....

एक जरुरी जानकारी---- 

सूत्रों के अनुसार बिग बाज़ार, शोप्पेर्स स्टॉप में पिन होल कैमरे पाए गए है....!!!!

कुछ दिनों पहले प्रसारित एक सन्देश के अनुसार----

बिग बाज़ार और शोपेर्स स्टॉप में के ट्रायल रूम में पिन होल कैमरे लगे जिनके द्वारा यंग गर्ल्स के MMS बनाये जा रहे है....

कृपया शर्माए नहीं इस ज्यादा से ज्यादा शेयर करें....Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma---परिवार बचाओ ---- देश बचाओ

Social Activist, RTI Activist & Scientist...Regard's